जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपत्तियां क्या है ! जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपत्तियां क्या है
प्रश्न 2. जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपत्तियाँ क्या हैं?
उत्तर (क) जाति प्रथा श्रम-विभाजन के साथ-साथ श्रमिक विभाजन का भी रूप लिए हुए है।
(ख) इस प्रथा में श्रमिकों को अस्वाभाविक रूप से विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है।
(ग) इसमें विभाजित वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार दिया जाता है।
(घ) जाति प्रथा पर आधारित विभाजन मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है।
प्रश्न 2. जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपत्तियाँ क्या हैं?
उत्तर (क) जाति प्रथा श्रम-विभाजन के साथ-साथ श्रमिक विभाजन का भी रूप लिए हुए है।
(ख) इस प्रथा में श्रमिकों को अस्वाभाविक रूप से विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है।
(ग) इसमें विभाजित वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार दिया जाता है।
(घ) जाति प्रथा पर आधारित विभाजन मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है।
प्रश्न 4. लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है ?
उत्तर – जाति प्रथा में श्रम-विभाजन मनुष्य की स्वेच्छा पर निर्भर नहीं रहता । इसमें मानवीय कार्यकुशलता की वृद्धि नहीं हो पाती । इसमें स्वभावतः मनुष्य को दुर्भावना से ग्रस्त रहकर कम और टालू कार्य करने को विवश होना पड़ता है ।
प्रश्न 4. लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है ?
उत्तर – जाति प्रथा में श्रम-विभाजन मनुष्य की स्वेच्छा पर निर्भर नहीं रहता । इसमें मानवीय कार्यकुशलता की वृद्धि नहीं हो पाती । इसमें स्वभावतः मनुष्य को दुर्भावना से ग्रस्त रहकर कम और टालू कार्य करने को विवश होना पड़ता है ।