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12th history short question question bank 2020 part 2

14. सगुण एवं निर्गुण भक्ति में क्या अंतर है?

उत्तर–सगुण भक्ति-इस परम्परा में देवी देवताओं की भक्ति एवं आराधना की जाती थी। मूर्ति पूजा पर बल दिया गया। निर्गुण भक्ति-इस परम्परा में अमूर्त, निराकार ईश्वर की उपासना की जाती थी। कबीर ने निर्गुण भक्ति को अपनाया।

 

15. चम्पारण सत्याग्रह का एक संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर–19वीं सदी के प्रारम्भ में गोरे बागान मालिकों ने किसानों से एक अनुबन्ध किया जिसके अनुसार किसानों को अपनी जमीन के 3/20वें हिस्से में नील की खेती करना अनिवार्य था। इस ‘तिनकठिया’ पद्धति कहा जाता था। किसान इस अनुबन्ध से मुक्त होना चाहते थे। 1917 में चम्पारण के राजकुमार शुक्ल के अनुरोध पर गाँधीजी चम्पारण पहुँचे । गाँधीजी के प्रयासों से सरकार ने चम्पारण के किसानों की जाँच हेतु एक आयोग नियुक्त किया । अंत में गाँधीजी की विजय हुई।

16. झूम खेती के बारे में आप क्या जानते हैं?

उत्तर– झूम खेती पहाड़िया लोग करते थे। भारत की नई जनजातियों में झूम खेती का प्रचलन है। इसके तहत आस-पास की जमीन को जलाकर भूमि को साफ कर लेते थे और खाद के लिए राख का प्रयोग करते थे। साफ की गई जमीन पर केवल कुछ समय तक ही खेती करते थे। फिर कुछ वर्षों के लिए उस जमीन को परती छोड़कर नये स्थान पर चले जाते थे। ये पहाड़िया लोग जंगलों में महुआ के फूल, फल को खाने के लिए एकत्रित करते थे। लकड़ी का कोयला तथा राल आदि सामग्री बेचने के लिए एकत्रित करते थे।

 

17. अभिलेख किसे कहते हैं?

उत्तर–अभिलेख उन्हें कहा जाता है जो कि पाषाण, धातु या मिट्टी के बर्तनों आदि पर खुदे होते हैं। अभिलेखों में तत्कालीन शासक एवं उनके मातहत अपनी उपलब्धियाँ, विचार एवं क्रियाकलाप आदि लिखवाते थे।

18. अकबर के शासनकाल में भूमि का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया था?

उत्तर–एक उचित भू-राजस्व प्रणाली अकबर ने अपने अधिकारी. राजा टोडरमल की सहायता से भूमि बन्दोबस्त प्रणाली को और अधिक स्पष्ट एवं व्यावहारिक बनाया। हालांकि अकबर की यह प्रणाली शेरशाह सूरी द्वारा अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान लागू किया था के आधार पर ही किया गया था। अकबर की भूमि बंदोबस्त प्रणाली कृषकों के लिए लाभदायक थी। क्योंकि अकाल तथा सूखा पड़ने पर कृषकों को भूमि कर में छूट दी जाती थी। कृषकों को तकाबी ऋण वितरित किये जाते थे। ताकि बीज, पशु, कृषि यंत्र आदि ले सकें। कृषकों को राज्य के अधिकारियों के धोखे तथा भ्रष्टाचार से बचने के लिये सरकार ने व्यापक प्रबन्ध किये थे। अकबर की. भूमि बन्दोबस्त प्रणाली शानदार एवं दीर्घकालीन लाभप्रद था। इससे सरकार और किसान दोनों संतुष्ट थे। अकबर का राजकोष भी शीघ्र भर गया था।



19. वीर कुंवर सिंह का एक संक्षिप्त परिचय दीजिए

उत्तर–वीर कुंवर सिंह का जन्म 1777 ई० में बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गाँव में हुआ था। इनके पिता बाबू साहबजादा सिंह प्रसिद्ध शासक भोज के वंशज थे। वीर कुंवर सिंह सन् 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता के सिपाही और महानायक थे। अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता मा बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। इनको 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है। इनकी मृत्यु 27 अप्रैल 1858 ई. को हो गई।

20. भारत आने वाले दो विदेशी यात्री एवं उनके यात्रा वृत्तान्तों के नाम लिखें।

 

उत्तर–(i) मेगास्थनीज-यह यूनानी था 305-297 ई.पू. चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में राजदूत बनकर भारत आया और इण्डिका नामक यात्रा वृत्तांत लिखा था।

(ii) अलबरूनी-यह अरब से 1024-1030 ई. तक पश्चिमोत्तर भारत की यात्रा पर था। यह एक विद्वान था और तहकीक-ए-हिन्द नामक यात्रा वृत्तान्त लिखा था।


21. हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली की क्या विशेषताएँ थीं

उत्तर–मोहनजोदड़ो के नगर नियोजन की एक प्रमुख विशेषता जल निकासी प्रणाली थी। यहाँ के अधिकांश भवनों में निजी कुएँ व स्नानागार होते थे। भवनों के कमरों, रसोई, स्नानागार, शौचालय आदि सभी का पानी भवन की छोटी-छोटी नालियों से निकलकर गली की नाली में आता था। गली के नाली को मुख्य सड़क के दोनों ओर बनी पक्की नालियों से जोड़ा गया था। नालियों की सफाई एवं कुड़ा-करकट को निकालने के लिए बीच-बीच में मेन होल भी बनाये गये थे। ऐसी व्यवस्था किसी अन्य समकालीन नगर में देखने को नहीं मिलता है।


22. अकबर के शासनकाल में कर निर्धारण की क्या प्रणाली थी

उत्तर–अकबर के शासनकाल में कर निर्धारण की तीन प्रणालियों का उल्लेख मिलता है। ये गल्लाबख्सी, जब्ती एवं नस्क थी।

23. श्रीमद्भगवद्गीता का एक अति संक्षिप्त परिचय दें।

उत्तर–कुरूक्षेत्र युद्ध भूमि में अर्जुन अपने सामने भीष्म, गुरु द्रोण एवं अन्य बन्धु-बान्धवों को देखता है तो वह मोहवश व्याकुल हो जाता है। उसका धनुष उससे उठ नहीं पाता। ऐसी परिस्थिति में उसके रथ के सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण उसे जो उपदेश देते हैं वही उपदेश श्रीमद्भागवद्गीता में हैं। गीता में कुल 18 अध्याय एवं 700 श्लोक हैं। इसके लेखक वेद व्यास हैं।

 

24. अल बरूनी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर–अलबरूनी का जन्म आधुनिक उजबेकिस्तान में ख्वारिज्म के पास बेरू नामक स्थान पर 4 दिसम्बर, 973 ई. को हुआ था। ख्वारिज्म शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र था। अलबरूनी ने अच्छी शिक्षा प्राप्त की और एक विद्वान के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की । वह कई भाषाओं का ज्ञाता था जिनमें सीरियायी, फारसी, हिब्रु तथा संस्कृत आदि थी। महमूद गजनी के भारत पर आक्रमण के समय ही अलबरूनी भारत आया। अलबरूनी ने भारत पर अरबी भाषा में लगभग बीस पुस्तकें लिखी लेकिन इन सबमें किताब उल हिन्द अथवा तहकीक ए हिन्द एक बेजोड़ ग्रन्थ है। 75 वर्ष की आयु में सितम्बर माह 1048 ई० में उनकी मृत्यु हो गई।

 


25. संविधान निर्मात्री सभा का गठन कैसे हुआ?

उत्तर–भारतीय संविधान (Indian Constitution)-भारतीय संविधान का निर्माण 26 नवम्बर, 1949 ई. को हुआ। इसका निर्माण एक संविधान सभा ने किया जिसका निर्वाचन 1946 ई. की कैबिनेट मिशन योजना के अन्तर्गत हुआ था । संविधान सभा के कुल 296 सदस्यों में से 211 कांग्रेस के तथा 73 मुस्लिम लीग के थे । संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 ई. को डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा की अध्यक्षता में हुई। 11 दिसम्बर, 1946 ई. को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद इसके स्थायी अध्यक्ष चुने गये । इसके बाद एक संविधान प्रारूप समिति बनायी गयी जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेदकर थे। 26 नवम्बर, 1949 ई. को 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन के बाद संविधान बनकर तैयार हुआ और इसे 26 जनवरी, 1950 ई. को लागू किया गया ।

26. कलिंग युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर–अशोक ने राज्याभिषेक के पश्चात् 8वें वर्ष में कलिंग पर विजय प्राप्त की। इस युद्ध में एक लाख लोग मारे गए। इस भीषण नरसंहार को देखकर अशोक का कठोर हृदय द्रवित हो गया। उसने कभी शास्त्र नहीं उठाने की प्रतिज्ञा की और चन्द्रगुप्त द्वारा गठित सेना भंग कर दी। अब उसने युद्ध विजय के स्थान पर धर्म विजय का निश्चय किया। इस प्रकार अशोक ने साम्राज्य विस्तार की नीति के स्थान पर धम्म प्रचार की नीति अपनाई।

 

27. मुगल दरबार में अभिवादन के कौन से तरीके थे?

उत्तर–मुगल दरबार में अभिवादन के तरीके हैं-

(i) सिजदा-इसके तहत दण्डवत् लेटा जाता था।

(ii) जमीबोस-इसमें जमीन चुमा जाता था।

(ii) कोर्निश-इसमें दरबारी दायें हाथ की तलहटी को सिर पर रखकर आगे की ओर सिर झुकाते थे।

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