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जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते हैं

1. जातिवाद के पोषक उसके पक्ष मे क्या तर्क देते है ?  | 2. जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्को पर लेखक की प्रमुख आपत्तियाँ क्या है ? | 3. जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है ?  | 4. लेखक ने पाठ के किन पहलुओं में जाति प्रथा को एक  हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है ?  | 5. सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओ को आवश्यक माना है ?

1. जातिवाद के पोषक उसके पक्ष मे क्या तर्क देते है ? 

उतर:-  जातिवाद के पोषको का तर्क है कि आधुनिक सभ्य समाज कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन आवश्यक मानता है और जाति प्रथा श्रम विभाजन का ही रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है।

 

2. जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्को पर लेखक की प्रमुख आपत्तियाँ क्या है ?

उतर:-  जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्क पर लेखक के प्रमुख आपतियाँ इस प्रकार है कि जाति प्रथा श्रम विभाजन का रूप ले लिया है और किसी सभ्य समाज में श्रम विभाजन व्यवस्था श्रमिकों के विभिन्न पहलुओं में अस्वाभाविक विभाजन नहीं करता है ।

 

3. जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है ?

उतर:- जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण है क्योंकि भारतीय समाज में श्रम विभाजन का आधार जाति है चाहे श्रमिक कार्य कुशल हो या नहीं उस कार्य में रुचि रखता हो या नहीं इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जब श्रमिकों कार्य करने में न दिल लगे ना दिमाग तो कोई कार्य कुशलता पूर्वक कैसे प्राप्त कर सकता है यही कारण है कि भारत में जतिप्रथा बेरोजगारी का प्रत्यक्ष और प्रमुख कारण बना हुआ है ।

 

4. लेखक ने पाठ के किन पहलुओं में जाति प्रथा को एक  हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है ?

उतर:- लेखक ने पाठ के विभिन्न पहलुओं में जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है जो इस प्रकार है, अस्वाभाविक श्रम विभाजन ,बढ़ती बेरोजगारी, अरुचि और विवस्ता में श्रम का चुनाव ,गतिशील एवं आदर्श समाज ,तथा वास्तविक लोकतंत्र का स्वरूप, आदि ।

 

5. सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओ को आवश्यक माना है ?

उतर:- सच्चे लोकतंत्र कि स्थापना के लिए लेखक अनेक विशेषताओं को आवश्यक माना है। बहू विध हितो में सब का भाग समान होना चाहिए सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग होनी चाहिए तात्पर्य है कि हमें समाज में दूध और पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे की भावना होनी चाहिए हमें साथियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान होनी चाहिए ?

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