Sangya Kise Kahate Hain

Sangya Kise Kahate Hain किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम  को संज्ञा (Sangya) कहते हैं। संज्ञा (Sangya) का अर्थ नाम होता है, क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को दर्शाती है। संज्ञा एक विकारी शब्द है।

संज्ञा (Sangya) शब्द का उपयोग किसी वस्तु, प्राणी, व्यक्ति, गुण, भाव या स्थान के लिए नहीं किया जाता, बल्कि किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के “नाम” के लिए किया जाता है। जैसे:- राम जाता है। इसमें राम नामक व्यक्ति संज्ञा नहीं है, बल्कि उस व्यक्ति का नाम “राम ” संज्ञा (Sangya) है।

Sangya Kitne Parkar Ke Hote Hai :- संज्ञा 5 प्रकार के होते है | 

1 . जातिवाचक संज्ञा 

2 . भाववाचक संज्ञा 

3 . समूहवाचक संज्ञा 

4 . व्यक्तिवाचक संज्ञा 

5 . द्रव्यवाचक संज्ञा 

Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hai ( व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं )

किसी व्यक्ति विशेष, स्थान विशेष और किसी वस्तु विशेष के नाम के  को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:- सोहन  या पटना , यहाँ सोहन नाम प्रत्येक व्यक्ति का नाम नहीं हो सकता, किसी एक ही व्यक्ति का  होगा। ठीक बैसे ही पटना  देश या दुनिया के प्रत्येक शहर का नाम नहीं हो सकता। व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द सदैव एक वचन में ही प्रयुक्त होते हैं. इनका बहुवचन जातिवाचक संज्ञा शब्द बन जाता है. जैसे: जयचंद – चयचंदों, अशोक – अशोकों आदि. व्यक्तिवाचक संज्ञा में हम जिस व्यक्ति, वस्तु या स्थान कि बात कर रहे होते हैं, वो इकलौता होता है।

यदि कोई जातिवाचक संज्ञा शब्द किसी वाक्य में व्यक्ति विशेष को प्रकट करने लगे तो वहाँ उसमें व्यक्तिवाचक संज्ञा होगी, न की जातिवाचक संज्ञा. जैसे: 

  • शास्त्री – शास्त्री जी एक ईमानदार प्रधानमंत्री थे.
  • मोदी – मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री हैं.
  • गाँधी – गाँधी जी के नेतृत्व में भारत को आज़ादी मिली.
  • नेताजी – नेताजी की मृत्यु आज भी एक रहस्य है.
  • पंडित जी – पंडित जी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे.

Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hain – भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं 

किसी भाव, गुण, दशा और अवस्था का ज्ञान करवाने वाले शब्द को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: क्रोध, प्रसन्नता, प्रेम, आश्चर्य, लालच, जवानी इत्यादि. भाववाचक संज्ञा शब्द सदैव एक वचन में ही प्रयुक्त होते हैं. इनका बहुवचन जातिवाचक संज्ञा का बोध करवाता है. जैसे: दूरी – दूरियाँ, चोरी – चोरियाँ आदि. भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किसी जातिवाचक संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण / क्रिया या अव्यय शब्दों में प्रत्यय जुड़ने से होता है.

Jativachak Sangya Kise Kahate Hain  –  जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं

किसी व्यक्ति विशेष, स्थान विशेष और किसी वस्तु विशेष की जाति बताने वाले शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: पशु, कवि, कुत्ता, बिल्ली, नदी, पहाड़, महासागर, महाद्वीप इत्यादि. यदि किसी विशेषण शब्द तथा क्रियावाचक शब्द को ओकारान्त बहुवचन में लिख दिया जाता है तो उसे जातिवाचक शब्द माना जाता है. जैसे: छोटा का छोटों, बड़ा का बड़ों आदि

  • शेर, गाय, ऊंट, हाथी और खरगोश सभी अलग-अलग हैं, लेकिन इन सभी को एक जाति से संबोधित किया जा सकता है और उस जाति का नाम “जानवर” है।
  • यहाँ जानवर शब्द किसी एक विशेष जानवर के बारे में नहीं बता रहा है क्योंकि जानवर शब्द से किसी एक जानवर के बारे में पता चलने के बजाय संपूर्ण जाति (जानवर) के बारे में पता चलता है। अतः “जानवर” जातिवाचक संज्ञा है। इसी प्रकार शहर, बालक, गाँव आदि जातिवाचक संज्ञा है।
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